Dainik Bhaskar : Apr 10, 2020, 02:25 PM
मकराना | हाथ में डंडा लिए डॉक्टर की यह तस्वीर राजस्थान के मकराना की है। कोरोना संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए यहां डॉक्टर को स्टेथेस्कोप छोड़कर हाथ में डंडा उठाना पड़ा। दरअसल हुआ यूं कि कस्बे के लुहारपुरा इलाके में बाहर से आए 38 युवकों को होम क्वारैंटाइन रखा गया है। गुरुवार को डॉक्टर आबिद हुसैन की टीम इन युवकों की जांच के लिए पहुंची।पहले समझाया, फिर कार से डंडा निकालकर दौड़ायाटीम जांच करके जाने लगी तो वह युवक घरों के बाहर निकल आए। आसपास के लोग भी उनके पास पहुंच गए। डॉक्टर आबिद ने युवकों को घरों में रहने के लिए समझाया। उन्होंने कोरोना संक्रमण के बारे में बताया। लेकिन, युवक नहीं माने। इसके बाद डॉ. आबिद हुसैन ने स्टेथस्कोप को गले से उतार कर कार से लाठी निकाली। वह युवकों के पीछे लाठी लेकर भागे। इसके बाद युवक भाग गए और घरों में घुस कर भीतर से दरवाजे बंद कर लिए। पूरे मकराना में बाहर से आए 4500 युवकों को होम आइसोलेटेड या क्वारैंटाइन सेंटर में रखा हुआ है। हम जिंदगी देने मौत से जूझ रहे हैं, जनता को चाहिए कि वे घरों में रहकर हमारा हौसला बढ़ाए : डॉ. आबिदडॉ. आबिद हुसैन ने बताया कि कोरोना महामारी जाति, समाज व मुंह देखकर वार नहीं करती बल्कि लापरवाह को चपेट में लेती है। हम अपने घर-परिवार की चिंता किए बगैर जान हथेली पर लेकर सेवा में जुटे हैं। 18 से 19 घंटे की ड्यूटी कर रहे हैं। आइसोलेट व्यक्ति अगर बाहर घूमेगा तो खतरा बढ़ेगा। हमारे हाथ में स्टेथोस्कोप, पेन ही अच्छा लगता है। अल्लाह ने जीवन बचाने व खुशी देने का दायित्व दिया है परंतु लुहारपुरा में हालात देखकर गुरुवार को डंडा उठाना पड़ा। मेरी भावना किसी को आहत करने की नहीं बल्कि उनमें थोड़ा डर भी जरूरी है ताकि घर के भीतर रहें। हम जिंदगी देने के लिए काम कर रहे हैं तो जनता को चाहिए कि वे घर में रहकर नर्सेज, पुलिस, प्रशासन व सफाईकर्मियों का हौसला बढ़ाएं।